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भुला उसको मैं दुर्गेश्वरी मै बोल रही हूँ गुज़रे लम्हों के दोबारा पन्ने खोल रही हूँ मैं औरत हूँ बहन हूँ बेटी हूँ काली हूँ चंडी हूँ दुर्गा हूँ स्वार्थ तर्क रही

Hindi रही हूँ Poems